Thursday, September 26, 2013

676. साह्रै मन पर्‍यो

तिम्रो मुस्कान तिम्रो बानी साह्रै मन पर्यो
बुझे पनि आनाकानी साह्रै मन पर्यो                
रुपरङ्ग नि साह्रै राम्रो जिउडाल पनि सही
मान्छे पनि सानी सानी साह्रै मन पर्यो
कल्कलाउँदो जोवन तिम्रो हर्बराउँदो वैँश
मुखै भयो पानी पानी साह्रै मन पर्यो
मन पराउँछु माया गर्छु थाहा पाएकी छ
नाटक गर्छे जानी जानी साह्रै मन पर्यो
उसैसँग जोडिए छ मेरो सारा सुख दुख
बनाउने हो दिलकी रानी साह्रै मन पर्यो
विनोद विवश
कुश्मीसेरा १, बागलुङ

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