रोहित राना |
आंशु नझारी बिताएको कुनै त्यस्तो रातै छैन |
बांच्दैछु एक्लोपनमा सुम्सुम्याउने ..हातै छैन |
आशाको दियो पनी निभ्यायो पापी .... हुरिले |
मरुभुमिमा तैनाथ'छू हरियो भन्ने पातै छैन |
तुषारो मात्र छायो हजूर …...यो मेरो जीवनमा |
अँध्यारोले पिरोलीराछ सुनौलो त्यों प्रभातै छैन |
किन यती साह्रो कठोर .....हुंदैछ यो दुनिया |
मिठो वचन दया माया भन्ने..त.. ...बातै छैन |
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