Thursday, June 14, 2012

111.जोस हिजोको छैन साथी/

जोस हिजोको छैन साथी/
होस हिजोको छैन साथी//

दुख्छ हृदय आनायासै,
दोस हिजोको छैन साथी//

देह गलेर भयो पानी,
ठोस हिजोको छैन साथी//

जल्दा मन यो सितल त्यो,
ओस हिजोको छैन साथी//

पुग्छु क्यार अब चिहान ,
कोस हिजोको छैन साथी//



Calpana Rai
Kathmandu-Nepal

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